...

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बरसात है।
क्यों नजाने इतना अंधेरा है और हो रही बरसात है।
की रह गई दिल में बस एक ही बात है।
कैसे कहूं जबकी तू दिल में मेरे साथ है।
की कहां गए वो मेरे पन्ने
लिखने मुझे मेरे जज़्बात है।
अब कैसे लिखूं भरी अंधेरी यह रात है।
जिंदगी का उजाला तू
तू कहां मेरे साथ है।
बस इतनी सी बात है
अंधेरी बहुत यह रात है।
और हां अभी तो लिखने मुझे मेरे अनकहे जज़्बात है।
ना जाने कैसे तू पहले
फिर सबसे पहले तेरी ही बात है।
टपक रहे यह मेरे आंसु
जो लग रही तुझे बरसात है।।