आख़री साँसे
आख़री साँसे
आख़री साँसों मैं एक दर्द सा देखा है,
पुरानी यादो को सटकते देखा है,
संभाल के रखे थे जो लम्हे हमने,
उन्हें हक़ीक़त में बदलते देखा है !
क्या किसी ने चाँद को ज़मीन पे उतरते देखा है,
क्या किसी ने...
आख़री साँसों मैं एक दर्द सा देखा है,
पुरानी यादो को सटकते देखा है,
संभाल के रखे थे जो लम्हे हमने,
उन्हें हक़ीक़त में बदलते देखा है !
क्या किसी ने चाँद को ज़मीन पे उतरते देखा है,
क्या किसी ने...