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पंचतंत्र की कहानी 🖤
पंचतंत्र की कहानी जहां पर समय न्याय स्वीकार की प्रतिभा बनी।

ताकत सो हाथों की, लेकिन समय अति बलवान।

लाखों मौतें और एक कब्रिस्तान।

हजारों ख्वाहिशें एक अलादीन का चिराग।

जीत का कोई सौगत नहीं हार सौ बार।

बस गहरे समुंदर में कश्तियां लगाने से अच्छा है। किनारे पर बैठकर समुंदर सूखने का इंतजार है।

दिन की बहती बहती लहर आते-आते दोपहर हो गई।

मेरी परछाई मुझ में समा गई

अब मैं समझा नियति का खेल।अब जाना है वहां जहां मेरा अधूरा शेष।

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