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लिखते-लिखते विचारों में खो जाती हूं मै
Please read my whole poem🙏🙏

लिखते-लिखते विचारों में खो जाती हूं मै,,,
सोचकर यह बैठती आज कुछ नया लिखती हूं मै,,,,
सोचते-सोचते विचारों से मिल आती हूँ मै,,,
क्या नया कुछ लिखने को नही, या बहुत कुछ नया किन्तु लिख सकती नही मै,,,
विचारो की राहों मे कही अजीब से खयालात मिलते,
नासमझियों से हालात मिलते,
बहुत प्रयासो के बाद भी भी मुझे वही रुढ़िवादी विचार मिलते।
सुना है बड़े-बड़े विचारो से भरी है दुनिया,
उन्ही विचारो की तलाश मे हूँ,,,,
माना की मंजिल से दूर हूं,,,
हौसलाये बुलंद रखती हूँ मै।

Thank you