जैसे जैसे दिन ढलता है
जैसे जैसे दिन ढलता है,
और रात आने वाली होती है,
ऐसा लगता है, जैसे,
एक खूबसूरत सा सपना,
खुली आँखों से मैं देख रहा हूँ,
जहाँ मैं तन्हा, अकेला तो हूँ,
मगर उसकी यादें दस्तक दे
रही हैं, पास आने के लिए…
© सुneel
और रात आने वाली होती है,
ऐसा लगता है, जैसे,
एक खूबसूरत सा सपना,
खुली आँखों से मैं देख रहा हूँ,
जहाँ मैं तन्हा, अकेला तो हूँ,
मगर उसकी यादें दस्तक दे
रही हैं, पास आने के लिए…
© सुneel