...

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इंतजार
प्रेम साथ चलता है
साथ रहता नहीं कभी भी
मंजिल तो इक ही होती है
पटरियों की भी
और प्रेम की भी
इक साथ चलने की
इक इंतज़ार में जीने की
इक ही आस में मरने की भी।

सोचा था मैंने
खूबसूरत रखूंगी प्रेम से भरे इन पन्नों को
छोटी - छोटी मुलाकातों के क़िस्से
कहानियों की जैसे लिखूंगी
कोई वादा पूरा करूंगी
ख़ाली पन्नों पर कठिन जज्बातों की महक होगी
सुनहरे पंखों वाली तितलियों की मानिंद अनोखें फूलों को चूमने की सारी उमंगे लिखूंगी
कुछ अधूरे चित्रों को गुलाबी और नीले रंगों से रंगूगी
कुछ मौन रंग भी होंगे
लंबे इंतज़ार का
जिसे कैनवास पर उकेरूंगी
प्रेम को पूरा जीने के लिए
अधूरी मालाऐं बनाऊंगी
ताकि बचे धागों में कुछ पूर्णता की मोतियां पिरोई जा सके
और प्रेम को...