...

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दिल
हा जी में थोड़ा पागल हु,
खुद से बात करता हु, खुद ही को रुलाता हूँ, सेहलाता हु, हसाता भी हु.
क्या करू अपना दिल अपने पास रखता हु, किसी को देने से तोडना नहीं चाहता हूँ
माफ़ करना पर जी हा मै थोड़ा पागल हु