माँ
माँ तो बनी सब के लिए,
पर अपनी बच्चों के लिए
कभी अच्छी माँ न बन सकी ,
जिंदगी तो ऐसी ही है,
कुछ देती है तो कुछ छीन जाती है।
प्यार तो हमने लुटाए सब पर,
पर जब वक़्त आया अपनों के लिए,
हम रह गए पीछे, बहुत पीछे
की चाह कर भी हम
बदल न सके।
अब इस आशा से जीते है हम
की भूल तो हुई है हमसे
मगर...
पर अपनी बच्चों के लिए
कभी अच्छी माँ न बन सकी ,
जिंदगी तो ऐसी ही है,
कुछ देती है तो कुछ छीन जाती है।
प्यार तो हमने लुटाए सब पर,
पर जब वक़्त आया अपनों के लिए,
हम रह गए पीछे, बहुत पीछे
की चाह कर भी हम
बदल न सके।
अब इस आशा से जीते है हम
की भूल तो हुई है हमसे
मगर...