इश्क़ में रोने से होता है बे-बाक दिल ।।
चश्म-ए-नमनाक और ग़मनाक दिल,
इम्तिहान-ए-इश्क़ में हुआ चाक दिल।।
कितने सितारों ने दम तोड़ा है इसमें,
ऐ चांद! कैसा है तेरा अफ़्लाक दिल।।
पाक़ चहरे हैं बहुत, नक़ाबों के शहर में
रखते हैं नापाक इरादे, नापाक दिल।।
मासुमों से इल्तिज़ा संभल के रहने...
इम्तिहान-ए-इश्क़ में हुआ चाक दिल।।
कितने सितारों ने दम तोड़ा है इसमें,
ऐ चांद! कैसा है तेरा अफ़्लाक दिल।।
पाक़ चहरे हैं बहुत, नक़ाबों के शहर में
रखते हैं नापाक इरादे, नापाक दिल।।
मासुमों से इल्तिज़ा संभल के रहने...