...

1 views

For You
गोधूलि की चमक के सन्नाटे में,
जहां छायाएं नाचती हैं और मंद हवाएं चलती हैं,
दुनिया खुद को कोमल आहों में लपेट लेती है,
जैसे मखमली आकाश में तारे जागते हैं।

चांदनी चाँदी के धागों की तरह बिखरती है,
गोधूलि शय्या पर सपने बुनना,
प्रत्येक किरण एक फुसफुसाहट, मधुर और धीमी,
हृदय के कोमल प्रवाह को पुकारता हुआ।

रात की खुशबू फैलती है,
अँधेरे में छुपे रहस्यों की तरह,
पंखुड़ियाँ कोमल आलिंगन में बंद हो जाती हैं,
जबकि जुगनू कृपा का पता लगाते हुए टिमटिमाते हैं।

मैं इस शांत आलिंगन में घूमता हूँ,
तेरे चेहरे की गर्माहट की चाहत,
हर सरसराहट में, हर आवाज़ में,
आपकी आत्मा चारों ओर घूमती रहती है।

रात को हमारे दिलों को इतना करीब आने दो,
जैसे समय विलीन हो जाता है, और संसार विलीन हो जाता है,
इस क्षण में, आइए हम अपना रास्ता खोजें,
शाम की आहट की फुसफुसाहट में.
© All Rights Reserved