...

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शराब
RAAJ PREEET

नींद रात को आती नही
थोड़ी पिते है तो सो जाते है
वो लौटकर वापिस आते नही
PREEET जिन्दगी से जो जाते है
शराब सी है अब तो जिन्दगी
मयखानो मे जो सजती है
कभी आंखो से PREEET आंसू आते है
कभी धड़कने बहुत गरजती है
नशा कोई कम नही
माँ नही PREEET तो हम नही
दुनिया के जो मेले है
साथी शराब और बस अकेले है
सांसे शराब से चलती है
जब भी शाम ढलती है
कदम बहक फिर जाते है
हम शराब ले आते है
गम को फिर समझाते है
खुद को बहुत तडफाते है
खुद को जब से समझा है
कहानी अधुरी रखी है
कोई तो दीवानी बनेगी PREEET की
एक उमीद जरूरी रखी है

© आवारा पागल दीवाना