यूं तो नहीं
यूं तो नहीं कि खूबसूरत नहीं हो
यूं भी नहीं कि कोई तुमसे ज़्यादा भी नहीं
मगर तुम जो हो उस ही को तो इश्क़ कहते है हम
यूं भी नहीं कि किसी लिबास की महोताज हो
यूं भी नहीं कि किसी लिबास से अब्तर
मगर आदिल- ए- खूबसूरती तो साड़ी सा लिबास हो
यूं भी नहीं कि आसपास हो मेरे दिल के
यूं भी नहीं कहीं दूर हो बसे
मगर इब्तिदा है तो कुछ तो ख़ास हो
यूं भी नहीं कि ये तुम्हरा इम्तेहान है
यूं भी नहीं कि बस एक इस्तेमाल है
मगर अभी इख्लास नहीं अभी एहसास हो
यूं भी नहीं कि ऐश-ए-क़फ़स हो
यूं भी नहीं कि खिदमत-ए-कल्ब हो
मगर अभी इस दिल का खयाल हो
तो राबता भी नहीं और अंजान भी नहीं हो
घर भी नहीं और मकान भी नहीं हो
कोई उम्मीद रखने का हक़ नहीं है
मगर ना-उम्मीद करो वो इंसान नहीं हो
एक अच्छे से रिश्ते में हो तुम
जो बेनाम ठीक लगता है
कोई दायरा टूटने का डर नहीं
कोई दायरा बांधने का मन नहीं
© Pavan
यूं भी नहीं कि कोई तुमसे ज़्यादा भी नहीं
मगर तुम जो हो उस ही को तो इश्क़ कहते है हम
यूं भी नहीं कि किसी लिबास की महोताज हो
यूं भी नहीं कि किसी लिबास से अब्तर
मगर आदिल- ए- खूबसूरती तो साड़ी सा लिबास हो
यूं भी नहीं कि आसपास हो मेरे दिल के
यूं भी नहीं कहीं दूर हो बसे
मगर इब्तिदा है तो कुछ तो ख़ास हो
यूं भी नहीं कि ये तुम्हरा इम्तेहान है
यूं भी नहीं कि बस एक इस्तेमाल है
मगर अभी इख्लास नहीं अभी एहसास हो
यूं भी नहीं कि ऐश-ए-क़फ़स हो
यूं भी नहीं कि खिदमत-ए-कल्ब हो
मगर अभी इस दिल का खयाल हो
तो राबता भी नहीं और अंजान भी नहीं हो
घर भी नहीं और मकान भी नहीं हो
कोई उम्मीद रखने का हक़ नहीं है
मगर ना-उम्मीद करो वो इंसान नहीं हो
एक अच्छे से रिश्ते में हो तुम
जो बेनाम ठीक लगता है
कोई दायरा टूटने का डर नहीं
कोई दायरा बांधने का मन नहीं
© Pavan