यूं तो नहीं
यूं तो नहीं कि खूबसूरत नहीं हो
यूं भी नहीं कि कोई तुमसे ज़्यादा भी नहीं
मगर तुम जो हो उस ही को तो इश्क़ कहते है हम
यूं भी नहीं कि किसी लिबास की महोताज हो
यूं भी नहीं कि किसी लिबास से अब्तर
मगर आदिल- ए- खूबसूरती तो साड़ी सा लिबास हो
यूं भी नहीं कि आसपास हो मेरे दिल के
यूं भी नहीं कहीं दूर हो बसे
मगर...
यूं भी नहीं कि कोई तुमसे ज़्यादा भी नहीं
मगर तुम जो हो उस ही को तो इश्क़ कहते है हम
यूं भी नहीं कि किसी लिबास की महोताज हो
यूं भी नहीं कि किसी लिबास से अब्तर
मगर आदिल- ए- खूबसूरती तो साड़ी सा लिबास हो
यूं भी नहीं कि आसपास हो मेरे दिल के
यूं भी नहीं कहीं दूर हो बसे
मगर...