माँ मेरी पढ़ी लिखी नहीं
#माँ मेरी पढ़ी लिखी नहीं
माँ मेरी पढ़ी लिखी नहीं
फिर भी हमारी कोई बात
इनसे छिपी नहीं
चेहरा देख झट बताती
हर समस्या का निवारण
ये बताती
दुनियादारी कुछ ये जाने नहीं
फिर भी अच्छा बुरा
सब पहचाने
अब करें तो क्या करें
माँ......
कोई माँ से कुछ कहे
बर्दाश्त ये कर लेती
एक कि चार
इसे सुनाना आया नहीं
बात जब बच्चों की आए
तब एक कि चार ये सुना देती
अब करें तो क्या करें
माँ मेरी पढ़ी लिखी नहीं
गणित इनकी तनिक कमजोर
ठीक से गिनती इन्हें आती नहीं
एक रोटी खाने को बोलो तो चार लोई की एक रोटी बना
खुश ये हो लेती
अब करें तो क्या करें
माँ मेरी पढ़ी लिखी नहीं
बीमार कोई पड़े
रातों की नींद हराम ये कर लेती
सुध बुध ये गँवा
रातों की नींद ये हराम कर लेती
जब तक स्वस्थ न कर लेती
तब तक चैन न पाती
इनसे बड़ा कोई वैध नहीं
अब करें तो करें क्या
माँ मेरी पढ़ी लिखी नहीं
रूठ जाने पर भी
झट मान जाती
गलती हमारी कभी
दिल से न ये लगाती
क्या इसे कोई बात
अपने बच्चों की
बुरी लगती नहीं
अब करें तो क्या करें
माँ मेरी पढ़ी लिखी नहीं
सर्दी आते ही इसे
अपने बच्चों...
माँ मेरी पढ़ी लिखी नहीं
फिर भी हमारी कोई बात
इनसे छिपी नहीं
चेहरा देख झट बताती
हर समस्या का निवारण
ये बताती
दुनियादारी कुछ ये जाने नहीं
फिर भी अच्छा बुरा
सब पहचाने
अब करें तो क्या करें
माँ......
कोई माँ से कुछ कहे
बर्दाश्त ये कर लेती
एक कि चार
इसे सुनाना आया नहीं
बात जब बच्चों की आए
तब एक कि चार ये सुना देती
अब करें तो क्या करें
माँ मेरी पढ़ी लिखी नहीं
गणित इनकी तनिक कमजोर
ठीक से गिनती इन्हें आती नहीं
एक रोटी खाने को बोलो तो चार लोई की एक रोटी बना
खुश ये हो लेती
अब करें तो क्या करें
माँ मेरी पढ़ी लिखी नहीं
बीमार कोई पड़े
रातों की नींद हराम ये कर लेती
सुध बुध ये गँवा
रातों की नींद ये हराम कर लेती
जब तक स्वस्थ न कर लेती
तब तक चैन न पाती
इनसे बड़ा कोई वैध नहीं
अब करें तो करें क्या
माँ मेरी पढ़ी लिखी नहीं
रूठ जाने पर भी
झट मान जाती
गलती हमारी कभी
दिल से न ये लगाती
क्या इसे कोई बात
अपने बच्चों की
बुरी लगती नहीं
अब करें तो क्या करें
माँ मेरी पढ़ी लिखी नहीं
सर्दी आते ही इसे
अपने बच्चों...