zindgi
जिंदगी कभी हसाती है,
कभी रूलाती है;
कभी उड़ान भरने को मौका देती है,
तो कभी पर कतर वा देती है;
कभी हसीन सपनों को निगाहों में सजाती है,
तो कभी सपनों को नजरों में ही दफना देती है,
यह जिंदगी कभी मुझे कसकर गले लगाती है;
तो कभी उससे दूर भगाती है,
कभी साथ बिठाकर कविताएं सुनाती है;
तो कभी!
खुद के कविताओं को औरों से ना बताने को कहती है;
हां बस मेरी इतनी सी जिंदगी है ।
© soul
कभी रूलाती है;
कभी उड़ान भरने को मौका देती है,
तो कभी पर कतर वा देती है;
कभी हसीन सपनों को निगाहों में सजाती है,
तो कभी सपनों को नजरों में ही दफना देती है,
यह जिंदगी कभी मुझे कसकर गले लगाती है;
तो कभी उससे दूर भगाती है,
कभी साथ बिठाकर कविताएं सुनाती है;
तो कभी!
खुद के कविताओं को औरों से ना बताने को कहती है;
हां बस मेरी इतनी सी जिंदगी है ।
© soul