...

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मातृभाषा
ज़ाहिर न होंगे कोई दर्द तुमसे
न देख सकोगे खुशियां ज़माने की
अगर भूल गए वो भाषा को तुम
जो कलम न कोई कभी भूलेगी
© The Shayari lover