...

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खिलना
यकीं नहीं था की तुम फिर से यूं खिलोगे
छोड़ गया था जाने कोई तुम्हे मुरझाया समझ
थोड़ी खुशी थोड़ा प्यार और दुलार ही तो है
कितना सुंदर है तेरा दिल और चेहरे की चमक
#WritcoPoemPrompt36
#रूप_की_गलियां
#Rup_ki_galiya

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#sundar #rs_rupendra05
© रूपेन्द्र साहू "रूप"