P5 - रिश्तों की सच्चाई
हर रिश्तें में होती है गुंजाईश...
एक ग़लत-फहमी के कोहरे से
नज़र धुँधलाती सुबह की ।
एक तन और रुह को जलाती
ग़ुस्से की कड़ी दोपहर की ।
एक अकेलेपन और अनबन के
काले बादलों में घिरीं...
एक ग़लत-फहमी के कोहरे से
नज़र धुँधलाती सुबह की ।
एक तन और रुह को जलाती
ग़ुस्से की कड़ी दोपहर की ।
एक अकेलेपन और अनबन के
काले बादलों में घिरीं...