ना उम्र की सीमा हो
ये उम्र चालीस की बड़ी अजीब होती है !
ना बीस का जोश,
ना साठ की समझ,
ये हर तरह से गरीब होती है ।
ये उम्र चालीस की बड़ी अजीब होती है !
सफेदी बालों से झांकने लगती है,
तेज दौड़े तो सांस हांफने लगती है,
टूटे ख्वाब, अधुरी ख्वाइशें,
सब मुँह तुम्हारा ताकने लगती है ।
खुशी इस बात की होती है
कि ये उम्र प्रायः सबको नसीब होती है ।
ये उम्र चालीस की बड़ी अजीब होती है !
ना...
ना बीस का जोश,
ना साठ की समझ,
ये हर तरह से गरीब होती है ।
ये उम्र चालीस की बड़ी अजीब होती है !
सफेदी बालों से झांकने लगती है,
तेज दौड़े तो सांस हांफने लगती है,
टूटे ख्वाब, अधुरी ख्वाइशें,
सब मुँह तुम्हारा ताकने लगती है ।
खुशी इस बात की होती है
कि ये उम्र प्रायः सबको नसीब होती है ।
ये उम्र चालीस की बड़ी अजीब होती है !
ना...