...

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मैं
मैं हरपल बीत रहा हूँ
किसी मौसम की तरह
बस फर्क इतना है
कि
मेरे पतझड़ के बाद फिर सावन न आएगा
मेरे झड़े पत्तों पर फिर नई कोपले न...