एक क़तल जो माफ हो मुझको
एक क़तल जो माफ हो मुझको
मैं कातिल बनना चाहती हूँ
मैं दुनिया से हर रावण की हस्ती को मिटाना चाहती हूँ
स्त्री को अपमानित करने वालो को
मैं ये समझाना चाहती
अबला ना समझो नारी को
मैं महिला के संग अबला का ये उपनाम...
मैं कातिल बनना चाहती हूँ
मैं दुनिया से हर रावण की हस्ती को मिटाना चाहती हूँ
स्त्री को अपमानित करने वालो को
मैं ये समझाना चाहती
अबला ना समझो नारी को
मैं महिला के संग अबला का ये उपनाम...