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जीवनचक्र(एक हास्य कविता)
जीवनचक्र(एक हास्य कविता)
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एक दिन मुझसे किसी ने पूछा
क्या है जीवन चक्र बताओ
परिभाषा के साथ - साथ में
दे उदाहरण भी समझाओ
मैंने बोला भाई सुनिए
यूं ही अपना सिर मत धुनिये
कई बार कुछ घटनाओं का
क्रम कुछ ऐसा हो जाता है
जिस घटना से शुरु हुआ फिर
अंत उसी पर आ जाता है
बार - बार एक ही घटनाक्रम
ऐसे चलता जैसे चक्र
जीवन की ऐसी घटनाएं
कहलाती हैं जीवनचक्र
नहीं समझ आया तुमको तो
मैं फिर तुमको बतलाता हूंँ
ऐसे समझ नहीं पाओगे
दे उदाहरण समझाता हूंँ
" पत्नी डरती कॉकरोच से
कॉकरोच छिपकली से डरता
छिपकली बिल्ली से डरती
बिल्ली डरती है कुत्ते से
मेरा कुत्ता मुझसे डरता
मैं डरता मेरी पत्नी से"
मैंने तुमको समझाया
पर सुन लो मेरे मित्र
इस घटना का मत करना
मेरी पत्नी से जिक्र
-🖊️ कौशल (स्वलिखित)
०९/१०/२०२२
© Kaushal