![...](https://api.writco.in/assets/images/post/default/story-poem/normal/Music A.webp)
7 views
ये भी क्या जीना है पगले
#shadow #shadowopoem
ये भी क्या जीना है पगले
यू टूट कर, बिखर कर
मायूस होकर, अपने ही आप में हताश होकर
ये भी क्या जीना है
माना दर्द है कई, माना है कई अड़चने
आने को तो आएंगी कई रूकावटे तेरे जीवन में
क्यू हार कर बैठा है, तू सिर झुका कर खड़ा है
ये जीना नही किसी काम का,
क्यू इसे तू जीना मान कर मरा है
ये भी क्या जीना है पगले
रख हौसला, क्यों उम्मीद छोड़ता है
तेरे हौसले पर तू खुद है
तू क्यों मायूस बैठा है
© shadow
ये भी क्या जीना है पगले
यू टूट कर, बिखर कर
मायूस होकर, अपने ही आप में हताश होकर
ये भी क्या जीना है
माना दर्द है कई, माना है कई अड़चने
आने को तो आएंगी कई रूकावटे तेरे जीवन में
क्यू हार कर बैठा है, तू सिर झुका कर खड़ा है
ये जीना नही किसी काम का,
क्यू इसे तू जीना मान कर मरा है
ये भी क्या जीना है पगले
रख हौसला, क्यों उम्मीद छोड़ता है
तेरे हौसले पर तू खुद है
तू क्यों मायूस बैठा है
© shadow
Related Stories
7 Likes
0
Comments
7 Likes
0
Comments