...

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अलविदा
#अलविदा
अलविदा तुमको ऐ ख्वाब मेरे ।
जिसमें वो आये बनके हम नमाज मेरे।
में तो ख्बाब में था और वो सामने थी।
कैसे कहता जज्बात मेरे
सब्दों ने मेरे सामने दम तोड़ा
वो रुक्सत हुए लेके जज्बात मेरे
अलविदा हुए यूही ख्वाब मेरे
सोचा था रुखसारों को उनके चूमूंगा
झूमती लतों से टपकती बूदों से
बुझा लूगां प्यास मेरी
सराबी आँखों से पी कर गुजारूँगा
साम मेरी
दहकते होंठों को चूसने में
गुजारूंगा रात मेरी
नर्म बाहों की गर्मियों मे रहेगी
रात मेरी
अल्विदा युही सुए ख्बाब मेरे