आशिया
तेरे नाम का जिक्र जब भी जुबां पर आ जाता है,
बेदर्दी तेरा इश्क़ मुझे बेहद तड़पा जाता है,
इजहार न कर सके हम तुमसे अपनी मोहब्बतों का,
यह गिला आज भी हमें बहुत सता जाता है !
आशियाना ए आरजू बना बैठे हम तेरी मोहब्बत में,
इसारे गलत ले बैठे हम तेरी आँखों के, ...
बेदर्दी तेरा इश्क़ मुझे बेहद तड़पा जाता है,
इजहार न कर सके हम तुमसे अपनी मोहब्बतों का,
यह गिला आज भी हमें बहुत सता जाता है !
आशियाना ए आरजू बना बैठे हम तेरी मोहब्बत में,
इसारे गलत ले बैठे हम तेरी आँखों के, ...