...

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मुझसे मिलने आओ न
मेरी एक कहानी है,जिसे सुनाना मेरी ही जुबानी है।
हाँ!एक लड़की थी जिसे मैं प्यार करता था।
माफ करना ! हाँ!
थी वो बहुत प्यारी,उसकी आँखे मुझे लुभा देती थी।
उसके आने से समय मेरा थम-सा जाता था,
पता नहीं,मुझे ये क्या हो जाता था।
पर उस दिन को मैं आज भी कोसूगां।
जिस दिन,मैं बीमार था और वो बिन बोले चली गई।
पता नहीं उस दिन गलती किसकी थी,
उस बीमारी की जिसने मुझे उस तक पहुँचने नहीं दिया या
उसकी ही कि उसने मुझसे एक बार मिलना भी जरूरी नहीं समझा।
© RK_become your real hero