क्षद्म नारीवाद
रावण बन कर आया है आधुनिकता का दौर
इस मायावी को तेरे संस्कार न हरने देना
पश्मी नारीवाद की अंधी में भी ओ मेरी सखी
अपने अंदर के भारतीये स्त्री को न मरने देना
हाँ वो संता बन प्रलोभन देंगे रंगीन...
इस मायावी को तेरे संस्कार न हरने देना
पश्मी नारीवाद की अंधी में भी ओ मेरी सखी
अपने अंदर के भारतीये स्त्री को न मरने देना
हाँ वो संता बन प्रलोभन देंगे रंगीन...