...

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तुम क्यों हस्ते हो?
संसार में इतना दुख है,तुम मुस्कुराते क्यों हो,
क्या हो तुम पागल या बहुत ही ज्ञानी ,जो कि तुम मुस्कुराते हो।

माना है मैने! तुमसे कुछ नहीं छिपता ,तुम सब कुछ जानते हो
तो क्यों सब दुखो को देखे हुए भी तुम हस्ते हो।

तुम अगर चाहो तो सब को दुखो से मुक्त कर सकते हो।
तुम तो हो! वो नीलकंठ जिसने वो विष पी लिया , दूसरों के खातिर ।
तो क्यों अब तुम डर रहे हो।

माना तेरे दर पर आने से पहले इंसान कुछ देर सोचता है,
पर तुम उसपर उपकार तुरंत ही कर सकते हो।
क्यों सब जान कर भी अनजान बने रहते हो।

में ये अच्छी तरह जानता हूं ,तुमने सदैव धर्म और कल्याण के लिए ही कार्य किया है।
दुष्टों को मार भगाया है,तो क्यों किसी का दुख देखते हुए भी तुम हस्ते हो।
क्या तुम उसका मज़ाक उड़ा रहे हो।

मेरी बुद्धि बहुत सूक्ष्म है,में तुम्हारे विशाल रूप का वर्णन करने में सक्षम नहीं हूं,पर कुछ सूक्ष्म प्रश्नों के उत्तर, तुमसे जानना चाहता हूं, कि तुम क्यों हस्ते हो?

देवो के देव महादेव का वर्णन करना तो सागर की एक एक पानी की बूंदों को देखने के बराबर है, शिव भगवान हर चीज में वाश करते है।
मेरी इन बातों से किसी को भी घात पहुंचा तो तो मुझे एक मूर्ख बालक समझ कर माफ़ करे तथा मुझे सत्य बताने की कृपा करे।
हर हर महादेव🙏🙏🙏
© RR_जान