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रूह को छुआ
महक आई है खुशनुमा सी जिन्दगी मेरी, हमदर्द ने रूह को छूआ है,कही रहो, किसी के साथ रहो, रूह मे तो मेरे हो तुम, तुम्हारे ही रूप की प्रतिरूप हू मै, मन मे आशाएं और आखों मे सपने लिए ऐक टक दूर वीरानो मे देखने की कोशिश ,पाने की जीद, एक उमीद की कीरन नजर आता है,
महादेव 🙏