सन्यासी
क्यों रोता है अपनो को तु,
सब माया का है जल-जाला।
सब के सब मतलब को रोते,
तु हाथ पकड़ ले जप-माला।।
राह पकड़ ले मुक्ति मार्ग की,
छाया अतिशय अंधकार काला
अब तो चलना है तूझे...
सब माया का है जल-जाला।
सब के सब मतलब को रोते,
तु हाथ पकड़ ले जप-माला।।
राह पकड़ ले मुक्ति मार्ग की,
छाया अतिशय अंधकार काला
अब तो चलना है तूझे...