दिल बहलाया था
मैंने खुद को समझाया था,
किसी के काबिल बनाया था।
मैंने प्यार में अपना सर झुकाया था,
उसने मेरी संवेदनाओं का उपहास बनाया था।
...
किसी के काबिल बनाया था।
मैंने प्यार में अपना सर झुकाया था,
उसने मेरी संवेदनाओं का उपहास बनाया था।
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