तेरे चरणों की पावन धूल से.....
हो तेरे चरणों की पावन धूल से ,
खिल जाऊं मैं तो फूल से,
इस दुनिया के सारे रंजो गम,
उड़ जाए तेरी एक फूंक से।।
मेरी बिगड़ी बना दे ,
मुझे गले से लगा ले ।।
ग़म की आंधियों को,
खुशियों की वजह बना दे..!
सुख का कमल खिला दे,
कोई तो राह दिखा दे।।
इस जीवन रूपी नांव का,
अब तो पतवार...
खिल जाऊं मैं तो फूल से,
इस दुनिया के सारे रंजो गम,
उड़ जाए तेरी एक फूंक से।।
मेरी बिगड़ी बना दे ,
मुझे गले से लगा ले ।।
ग़म की आंधियों को,
खुशियों की वजह बना दे..!
सुख का कमल खिला दे,
कोई तो राह दिखा दे।।
इस जीवन रूपी नांव का,
अब तो पतवार...