अधूरा इश्क़
उनकी बेवफ़ाई की अदा को हमने
कुसूर अपना समझ कर भुला दिया
तरसते रहे उनकी एक झलक को दिन रात
ना ख़त, ना पैगाम, यारी का ये कैसा सिला दिया
बेवफ़ाई करते गए ख़ुद से
यादों का फिर हमने सहारा लिया।
मौसिम बदलता गया
नाम उसका धुंधलाता गया
प्यार को उसके हमने...
कुसूर अपना समझ कर भुला दिया
तरसते रहे उनकी एक झलक को दिन रात
ना ख़त, ना पैगाम, यारी का ये कैसा सिला दिया
बेवफ़ाई करते गए ख़ुद से
यादों का फिर हमने सहारा लिया।
मौसिम बदलता गया
नाम उसका धुंधलाता गया
प्यार को उसके हमने...