Collection-1
कुछ भी लिखू हर बार सार वो होंगी।
मेरे हर ख्वाइश की आधार वो होंगी।।
साल दर साल बदलते रहे ,साहब।
मेरे इस दिल मे हर बार सरकार वो होंगी।।
तुम मुझे बर्बाद कर दिये सियासत के चलते।
हम भी बिखर गये कुछ खामियों के चलते।
जिस सल्तनत को...
मेरे हर ख्वाइश की आधार वो होंगी।।
साल दर साल बदलते रहे ,साहब।
मेरे इस दिल मे हर बार सरकार वो होंगी।।
तुम मुझे बर्बाद कर दिये सियासत के चलते।
हम भी बिखर गये कुछ खामियों के चलते।
जिस सल्तनत को...