एक तरफ
तेरे न होने का मुझको मलाल एक तरफ़
तू मेरा क्यूँ न हुआ ये सवाल एक तरफ़ ?
यक़ीन मान मैं खुश हूँ मगर तू जब सँग था
वो पल वो दिन वो महीना वो साल एक तरफ़
गुलाब पर ये चटख रंग चढ़ेगा कैसे भला
मैं बैठा सोचने रख के गुलाल एक तरफ़
जहान भर के हैं मंज़र मेरी नज़र में मगर
उस एक शख़्स का दिल में ख़्याल एक तरफ़
हज़ार शिक़वे-शिक़ायत मुझे है तुझसे मगर
वो कुछ दिनों की तेरी देखभाल एक तरफ़
— अज्ञात
तू मेरा क्यूँ न हुआ ये सवाल एक तरफ़ ?
यक़ीन मान मैं खुश हूँ मगर तू जब सँग था
वो पल वो दिन वो महीना वो साल एक तरफ़
गुलाब पर ये चटख रंग चढ़ेगा कैसे भला
मैं बैठा सोचने रख के गुलाल एक तरफ़
जहान भर के हैं मंज़र मेरी नज़र में मगर
उस एक शख़्स का दिल में ख़्याल एक तरफ़
हज़ार शिक़वे-शिक़ायत मुझे है तुझसे मगर
वो कुछ दिनों की तेरी देखभाल एक तरफ़
— अज्ञात