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हमारी अधूरी कहानी
कभी लगता है दो अलग अलग कितने अधूरे होते हैं, ईश्वर उन्हें एक दूसरे से मिला कर पुरा क्यों नहीं कर देते.. मेरे स्वप्न... मेरी आधा कप चाय... मेरी कविताओं की अंतिम पंक्तियां... यहां तक के मेरे नाम के पीछे का नाम.. और हमारी प्रेम कहानी... सब कुछ अधूरा... जैसे कहानी को पुरा करके अंतिम पृष्ठ बंद किया जाता है पर हमारी प्रेम कहानी का एक हिस्सा तुम्हारे बगैर कभी पूरा नहीं होगा.. मैंने सुना है जो पुरा नहीं वो अंतिम नहीं.. और आज भी मुझे अपना अधूरा होना उदास करता है! जब तक हमारी कहानी का अंतिम पृष्ठ नहीं लिखा जाता वो कभी पुरी नहीं होगी! और हमारा प्रेम... नियति को दोष देने से अब थक चुकी.. तुम्हारे अधुरे प्रयासों ने मुझे समझाया की संभव: तुम्हारी प्रतिक्षा व्यर्थ है... शायद अब इसी अधुरे प्रेम को में स्थानांतर करना चाहूंगी इस पृथ्वी पर... हवाओं के साथ... कण कण में वो इस सृष्टि पर अपने अंतिम पृष्ठ की खोज में कालांतर भ्रमण करेगा और ईश्वर ने ना सही पर हो सकता है उसे पढ़ते हुए लोग हमारी कहानी को अपने अपने हिसाब से अंतिम स्वरूप दें.. और जो कभी ना हुआ ऐसा हो....एक अधुरी प्रेम कहानी पुरी हो अलग अलग अंतिम पृष्ठों के साथ ....
© Mishty_miss_tea