my feelings
मैं गंगा की शांति
तू बनारस की तंग गलियों सा
मैं राधा तुम्हारी
तू कृष्ण मथुरा की गलियों का
मैं मुस्कुराहट आसमानों की
तू बादल काली घटा का
मैं दीपक की बाती
तू लौ मस्त मग्न सा
मैं गिरजा की उर्जा
तू तंडाव महाकाल का
मैं रंग
तू मस्ती में डला भंग सा
मैं आंसू
तू हंसी के ठहाकों सा
अंत मैं जीवन सी
तू मृत्यु के बादल सा ।।।
तू बनारस की तंग गलियों सा
मैं राधा तुम्हारी
तू कृष्ण मथुरा की गलियों का
मैं मुस्कुराहट आसमानों की
तू बादल काली घटा का
मैं दीपक की बाती
तू लौ मस्त मग्न सा
मैं गिरजा की उर्जा
तू तंडाव महाकाल का
मैं रंग
तू मस्ती में डला भंग सा
मैं आंसू
तू हंसी के ठहाकों सा
अंत मैं जीवन सी
तू मृत्यु के बादल सा ।।।