जिंदगी की उलझन
जिंदगी की उलझन
कई बार कई उतर स्वयं प्रश्न बन जातें हैं
हमें शब्दों में उलझते हैं
हम उत्तर वही ढूढते हैं
जो हमारे मन को भाते हैं ।
कभी जिंदगी के प्रश्न को
हम अनदेखा किया करते हैं
कभी कई सुलझे उत्तरों से
कई सवाल बनाए जाते हैं।
हर क्षण ये आभास होता हैं
कही दबा है मेरा अस्तित्व
बेटी ,बहन ,मां और पत्नी या बहू
बस यही सब या और भी कुछ हूं ।
जहा दिल...
कई बार कई उतर स्वयं प्रश्न बन जातें हैं
हमें शब्दों में उलझते हैं
हम उत्तर वही ढूढते हैं
जो हमारे मन को भाते हैं ।
कभी जिंदगी के प्रश्न को
हम अनदेखा किया करते हैं
कभी कई सुलझे उत्तरों से
कई सवाल बनाए जाते हैं।
हर क्षण ये आभास होता हैं
कही दबा है मेरा अस्तित्व
बेटी ,बहन ,मां और पत्नी या बहू
बस यही सब या और भी कुछ हूं ।
जहा दिल...