चित्रकार भूला भटका...
झोले में रखे सूखे रंगों और ब्रुश को
हिम्मत कर उसे उठाना चाहिए
खो गए चित्रकार को अपने अंदर का हुनर
एक बार फ़िर दिखाना चाहिए
अरसे से सोए हुए कैनवास को
उम्मीद से सजाकर जगाना चाहिए
देवदास बना फिरता है बेवजह
ज़िंदगी को रंगों से फ़िर लुभाना चाहिए
प्यार है तुझे चाँद सितारों से अब भी ...
हिम्मत कर उसे उठाना चाहिए
खो गए चित्रकार को अपने अंदर का हुनर
एक बार फ़िर दिखाना चाहिए
अरसे से सोए हुए कैनवास को
उम्मीद से सजाकर जगाना चाहिए
देवदास बना फिरता है बेवजह
ज़िंदगी को रंगों से फ़िर लुभाना चाहिए
प्यार है तुझे चाँद सितारों से अब भी ...