मेरे हमदम
जब जब टूटकर बिखरा मेरा मन
तूने मुझे थामा है
सामने तू बेशक़ नहीं पर तेरे अक्स ने
मुझे हर बार थामा है ।
भाव की हर लहर मुझे रूलाती थी
एक ग़म के सागर में डुबाती थी
तेरे होने की हस्ती ने मुझे संभाला है
दिल ने तेरे अहसास को...
तूने मुझे थामा है
सामने तू बेशक़ नहीं पर तेरे अक्स ने
मुझे हर बार थामा है ।
भाव की हर लहर मुझे रूलाती थी
एक ग़म के सागर में डुबाती थी
तेरे होने की हस्ती ने मुझे संभाला है
दिल ने तेरे अहसास को...