चुभन
चुभन सी होती है
ना पूछो तुम हमसे
वो पहले की मुलाकातें
कैसे बीत जाती थी
बातों बातों में रातें
जब जागते जागते
कट जाती थी रातें
सिलसिला बांतों का
थम सा गया है
दुरियों में ये दिल
भी बंट गये है
अब कटती हैं रातें
उन्हीं यादों के सहारे
© mast.fakir chal akela
ना पूछो तुम हमसे
वो पहले की मुलाकातें
कैसे बीत जाती थी
बातों बातों में रातें
जब जागते जागते
कट जाती थी रातें
सिलसिला बांतों का
थम सा गया है
दुरियों में ये दिल
भी बंट गये है
अब कटती हैं रातें
उन्हीं यादों के सहारे
© mast.fakir chal akela