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मेरा चांद 🌙
मन आज ठहर सा गया है,
ठहर सा गया है, खुद को सोच कर,
सोच कर उन रिक्तियों को जो मन में कहीं अपनी जगह सुनिश्चित कर चुकीं है।
और शायद हमेशा रिक्त ही रहेंगी।।
मन का यूं ही व्याकुल हो जाना मेरे लिए नया नहीं है,
बस मन ठहर जाता है इस खिड़की पर आकर,
बिखर जाने के लिए।
और तुम्हे एक- टक देखता है,
इस आश में की तुम आओगी और समेट लोगी मुझे।
खैर...! ये भी तो रिक्त ही रह जाना है,मन में।
© Pushp
#MoonlitMagic
ठहर सा गया है, खुद को सोच कर,
सोच कर उन रिक्तियों को जो मन में कहीं अपनी जगह सुनिश्चित कर चुकीं है।
और शायद हमेशा रिक्त ही रहेंगी।।
मन का यूं ही व्याकुल हो जाना मेरे लिए नया नहीं है,
बस मन ठहर जाता है इस खिड़की पर आकर,
बिखर जाने के लिए।
और तुम्हे एक- टक देखता है,
इस आश में की तुम आओगी और समेट लोगी मुझे।
खैर...! ये भी तो रिक्त ही रह जाना है,मन में।
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