वक्त का ये परिंदा
वक़्त का ये परिंदा, कभी रूक नहीं पाया है,
अद्भुत परिंदा, किसी के हाथ नहीं आया है।
जो भी कद्र किया, वक़्त उसका ही होता है,
किसी को रंक तो किसी को राजा बनाया है।
वक़्त का खेल, कोई समझ नहीं पाया है,
बेवफा तवायफ की तरह, सबको लुभाया है।
किसी ने जग जीतकर, सिकंदर...