झरनों जैसे...
झरनो जैसे बदलते हमारे रास्ते,
पल पल में जैसे बनते कुछ नये इरादे...
मासूमियत से भारी हो हमारी हरकतें,
ऊंच नीच के पल होते हैं जैसे सरकती...
पल पल में जैसे बनते कुछ नये इरादे...
मासूमियत से भारी हो हमारी हरकतें,
ऊंच नीच के पल होते हैं जैसे सरकती...