BETI KE MNN KI VYATHA..
'एक बात मुझे जंचती ही नहीं "
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एक बात मुझे जचती ही नहीं
बेटी माँ को इंसान सी लगती भी कि नहीं
घर में रखती है कटर बन पहरो में ऐसे
फिर एक दिन उसको खुद से अलग कर देती है कैसे
ये बात मुझे सही लगती ही नहीं
माँ बेटी कोनाज़ों से पाला करती है
जब ब्याह उसका रचा ती है
तब कुछ ऐसी...
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एक बात मुझे जचती ही नहीं
बेटी माँ को इंसान सी लगती भी कि नहीं
घर में रखती है कटर बन पहरो में ऐसे
फिर एक दिन उसको खुद से अलग कर देती है कैसे
ये बात मुझे सही लगती ही नहीं
माँ बेटी कोनाज़ों से पाला करती है
जब ब्याह उसका रचा ती है
तब कुछ ऐसी...