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निःशब्द हूं मैं
निःशब्द हूं
उन नींव रहित रिवाजों पर
जिन्हें स्वार्थमात्र के लिए गढ़ा गया,
चकित हूं
उन समाजिक रचनाओं पर
जिन्हें बिना सोचे समझे ही पढ़ा गया,
उन लेखों के गलत तात्पर्य समझा कर
जिन्हें निर्दोषों के मत्थे मढ़ा गया,
निःशब्द हूं
मैं उन ऊंचे पर्वत पर,
जहां लोगों को गिरा कर चढ़ा गया।
हां
निःशब्द हूं मैं..
© stupid_me
उन नींव रहित रिवाजों पर
जिन्हें स्वार्थमात्र के लिए गढ़ा गया,
चकित हूं
उन समाजिक रचनाओं पर
जिन्हें बिना सोचे समझे ही पढ़ा गया,
उन लेखों के गलत तात्पर्य समझा कर
जिन्हें निर्दोषों के मत्थे मढ़ा गया,
निःशब्द हूं
मैं उन ऊंचे पर्वत पर,
जहां लोगों को गिरा कर चढ़ा गया।
हां
निःशब्द हूं मैं..
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