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राजनीति तरमतर बाकी सब जर्जर
राजनीति तरमतर, बाकी सब जर्जर

लोकतंत्र का अर्थ, लोक हेतु हो तंत्र !
लोक से पग पग पर, हो रहे षडयंत्र !!
आंतरिक बाहरी सुरक्षा हेतु देते कर !
राजनीति तरमतर, बाकी सब जर्जर !!

नेता के चहीते, अपराध के यंत्र मंत्र !
जनहित दर्शन दुर्लभ, स्वहित सर्वत्र !!
नशेडी तारिकाएं, हर शर्म त्याग कर !
राजनीति तरमतर, बाकी सब जर्जर !!

अस्मत बचे कि नहीं, दीन में भरा ड़र !
रोजी के हालात भी, बद से हैं बदतर !!
लुट रहे सारे ही, बीमारी के फैलाव पर !
राजनीति तरमतर, बाकी सब जर्जर !!

-आवेश हिन्दुस्तानी 4.10.2020