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पिता
पिता है संतान के चेहरे की मुस्कान,
संतान ही है उसका सारा जहान।
पिता है संतान के लिए खुशियों की दुकान,
उसका हर पल है संतान के लिए कुर्बान।।

संतान सुख के लिए अपने सुख त्यागने वाला, पिता संघर्ष की परिभाषा है।
अपने जीवन के हर पल को कुर्बान करने वाला,
पिता ही उनके सपनों की आशा है।

पिता उनके सिर का साया है,
पिता ही उनकी इच्छा पूर्ति का मंत्र है।
पिता ही उनका सच्चा हितैषी है,
पिता ही उनकी सफलता का यंत्र है।

हर पिता के लिए उसकी संतान,
राजकुमार - राजकुमारी होती है।
संतान को दुखी देखकर,
पिता की आत्मा मन ही मन रोती है।।

पिता प्रेम का गोपनीय वाहक है,
कोई माने तो पिता के चरणों में ही सब तीर्थ हैं।
आज्ञाकारी संतान ही पिता के दिल को जीतने लायक है,
क्योंकि पिता की आज्ञा का पालन करने वाला ही सच्चा भागीरथ हैं।

स्वरचित ✍️©सूरजशर्मा'मास्टरजी'
ग्राम-बिहारीपुरा, जिला-जयपुर, राजस्थान 303701

© Suraj Sharma'Master ji'