...

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गीता सार
हे अर्जुन! अब
गाण्डिव प्रत्यंचा तानो तुम,
अन्तर्मन मे निद्रित
शौर्य को पहचानो तुम।

यही समय है यही धर्म है
अविलंब युद्धारंभ करो।
शंखनाद कर के...