...

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प्यारे पापा
मेरा स्वर ,मेरी कुनमुनाहट,
को माँ से पहले आपने सुना
लोरियाँ,थपकियाँ, डाँट मेरे हिस्से मे आपकी ही ज्यादा आयी
सच,पापा भी कितने नरम दिल के होते हैं ये मेरे बचपन ने जान लिया।

जब मां को कुछ काम आया
तो आपने मुझे संभाला,
जब स्कूल जाने का वक्त आया तो
आपने मुझे सबसे ज्यादा हौंसला दिया पापा भी बच्चों की जरूरतों को समझते हैं ये आपने हमेशा साबित किया

जब स्कूल फीस की बात आई तो
सर की मुँह की तारीफ से आपका
उत्साह छुपा न रहता,
फिर जब मेरी परेशानीयाँ या डाँट की
बात आई तो आपका अशांत मन छुपा न पाते,
यही आपका चेहरा बतला देता कि
आपकी जिदंगी की धुरी हम हैं।

मैंने जब भी कुछ मांगा तो आपने
उसके पृकार...