मेरी माँ...
कर्म तुम्हारे अनेक,
परंतु तुम एक ,
मुस्कुराती हुई छवि में,
दर्द छुपे तुम्हारे अनेक,
निष्पक्षता की पहचान हो तुम,
मेरी मां मेरी जान हो तुम ,
किरण हो तुम मेरे धारणा रूपी संसार की,
मार्गदर्शक हो तुम जीवन की जहां की ,
जगत जननी हो तुम,
मैं तो...
परंतु तुम एक ,
मुस्कुराती हुई छवि में,
दर्द छुपे तुम्हारे अनेक,
निष्पक्षता की पहचान हो तुम,
मेरी मां मेरी जान हो तुम ,
किरण हो तुम मेरे धारणा रूपी संसार की,
मार्गदर्शक हो तुम जीवन की जहां की ,
जगत जननी हो तुम,
मैं तो...